PM Krishi Sinchai Yojana 2025: किसानों को सिंचाई पर सब्सिडी, जानें पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया

By Ganesh Vinayak

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PM Krishi Sinchai Yojana 2025: भारतीय कृषि क्षेत्र में सिंचाई की अहमियत किसी नींव से कम नहीं है। पर्याप्त पानी की उपलब्धता के बिना फसल उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे सीधे किसानों की आय पर असर पड़ता है। खासकर ऐसे इलाके जहां वर्षा पर अधिक निर्भरता है, वहां पानी की कमी एक गंभीर चुनौती है। इस समस्या से निपटने और किसानों को आधुनिक सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) शुरू की। इस योजना का उद्देश्य है – “हर खेत को पानी” और “More Crop Per Drop”, यानी पानी का दक्ष उपयोग करके कम संसाधनों से अधिक उत्पादन। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की निगरानी में चल रही इस योजना ने अब तक लाखों हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाओं से जोड़ा है।

योजना के प्रमुख उद्देश्य

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मकसद किसानों को पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध कराना और पानी के कुशल प्रबंधन को बढ़ावा देना है। इसके मुख्य लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  • देश के हर खेत तक पानी पहुंचाना, खासकर सूखा प्रभावित इलाकों में।

  • आधुनिक सिंचाई तकनीकों से फसलों की पैदावार बढ़ाना और किसानों की आय दोगुनी करना।

  • वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और जल संरक्षण को बढ़ावा देना।

  • ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी जल-कुशल तकनीकों का विस्तार करना।

  • ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना।

पात्रता और शर्तें

इस योजना का लाभ छोटे और सीमांत किसान, खेती योग्य भूमि वाले सभी किसान, और लीज पर खेती करने वाले किसान भी उठा सकते हैं (शर्त यह है कि लीज कम से कम 7 वर्ष पुरानी हो)। सिंचाई के लिए जल स्रोत होना आवश्यक है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह (SHGs), सहकारी समितियां, एफपीओ (FPOs) और कृषि आधारित कंपनियां भी आवेदन कर सकती हैं।

सरकार किसानों को सिंचाई उपकरणों पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से सब्सिडी उपलब्ध कराती है। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम पर छोटे किसानों को अतिरिक्त अनुदान भी मिलता है।

योजना से मिलने वाले लाभ

  1. उत्पादकता में वृद्धि – ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीक अपनाने से फसल उत्पादन 20% से 50% तक बढ़ा है।

  2. जल का संरक्षण – वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं, तालाबों और चेक डैम निर्माण से भूजल स्तर सुधर रहा है।

  3. वित्तीय सहायता – किसानों को मोटर, पंप, पाइपलाइन और उपकरणों की खरीद पर अनुदान मिलता है।

  4. रोजगार सृजन – सिंचाई संरचनाओं के निर्माण व रखरखाव से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

  5. क्षेत्रीय विकास – सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से सूखा प्रभावित इलाकों में किसानों की आय में 25-30% तक की वृद्धि हुई है।

  6. पर्यावरणीय लाभ – जल प्रबंधन से मिट्टी का कटाव कम होता है और सतत कृषि को बढ़ावा मिलता है।

आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या अन्य पहचान प्रमाण।

  • खेत की जमाबंदी/खसरा-खतौनी या लीज एग्रीमेंट।

  • बैंक पासबुक और खाता विवरण।

  • पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर।

  • फसल व जल स्रोत का विवरण।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना के लिए किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

  • ऑनलाइन – PMKSY आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।

  • ऑफलाइन – नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या CSC सेंटर पर आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करें।

आवेदन के बाद स्थानीय अधिकारी खेत का निरीक्षण करेंगे और स्वीकृति मिलने पर सब्सिडी सीधे किसान के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।

लाभार्थी स्टेटस जांच

किसान अपने आवेदन की स्थिति (Approved / Pending / Subsidy Released) PMKSY Portal या राज्य की कृषि वेबसाइट पर देख सकते हैं। इसके अलावा CSC सेंटर या कृषि विभाग से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

योजना का प्रभाव

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ने अब तक लाखों किसानों को राहत पहुंचाई है। 28 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचाई से जुड़ी है, जिसमें लगभग आधी भूमि पर ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीकें लागू की गई हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। वर्षा जल संचयन और भूजल रिचार्ज से हजारों गांवों में जल स्तर सुधरा है।

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निष्कर्ष

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Ganesh Vinayak

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम विशाल कुमार है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। मैंने 2022 में ब्लॉगिंग शुरू की। मुझे वित्त और व्यवसाय के बारे में लिखने या किसी को बताने का बहुत शौक है। अब मैं studydaak की मदद से आपको बिजनेस, फाइनेंस और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद